"रब ने बना दी जोड़ी....फ़िल्म में सलवार कमीझ पहनी हुई अनुष्का शर्मा शाहरुख खान को पीछे की सीट पे बिठाके धूम के background
music के साथ bike चला रही है यह देख कर दर्शको अचंबित हो गए थे। नई, शाहरुख पीछे को सीट पे बैठा हुआ था इसीलिये नहीं लेकिन अनुष्का driving सीट पे थी इसीलिये! Yes भीडु, हर एक श्रेत्रोमे लड़को को बैकफुट पे ला देती लडकिया भी driving के मामले में भी लड़को को हरीफाइ दे रही है। अभी तक युवानो नो इजारो गिनाता bike riding में अब युवतीओ भी ऐसी मक्कम speed पकड़ रही हे की नाजुक हाथो के control में रहके macho bike की सान भी ठीकाने आने लगी है।"
Personality मैचों man जैसी पड़ती है।
Ami Shah - Student
Bike चलने मेरे लिए एक क्रेज है। हमारे घर में bike नहीं था फिर भी मैं बाइक चलाना शिख गई। फ़ॉर वीलर तो बहोत सारे लोग चलते हे लेकिन bike चलने का मजा ही कुछ अलग होता है। जभी मैं bike चलती हु तब जैसे की मेरी दुनिया ही बदल गई हो, मेरा आत्मविश्वस आसमान तक पहोच जाता है। मेरे माता-पिता को भी मेरा bike चलाना पसंद है। मेरी तो ईच्छा है कि में अलग अलग bike खरीद के उसके ऊपर मजे से घुमू।
Pinki Dave - अहमदाबाद के पहले लेडी driving इंस्ट्रक्टर
मुझे बचपन से ही bike चलने का शोख़ था। उस समय बुलेट या राजदूत जैसे bike को रफ्ताफ bike गिने जाते थे। फिर डेलिकेट होने के बाद भारी bike आने लगे। मुझे bike चलने का बहोत ही पागलपन था। जब bike चलते है तो हमारी अलग से ही personality लगती है। अभी तो मैं driving school चलाती हुँ इसीलिए मुझे car भी चलानी आती है। लेकिन असली मजा तो bike riding में ही आता है। जब कोई लड़की मेरी driving school में bike शिखाने के लिए आती है तो में उसे भी एंकरेज करती हूं।
मेरे लिए आत्मनिर्भरता का प्रतिक है।
बरोडा शहर में रहती हिरल करमाणवाला एक house wife है। 24 साल की हिरल बता रही है कि जब वो स्कूल में थी तब उनके पिता ST बस में ड्राइवर की नोकरी करते थे। हिरल नोकरी पे जाते हुए पिता को देख रही थी के कैसे वो bike start करते हे, कैसे वो gear बदल रहे हे, कैसे वो bike को चला रहे हे के सब बातें वो बहोत ही घ्यान रखती थी। कभी कभी में पिताजी के bike पे बैठ कर पैरो से bike को चलने को कोशिश भी करती थी।Bike के प्रति मैरी चाहत को देख कर मेरे पिताजी ने मुझे bike चलने में मदद की। और आज तो वो खिलोनो के माफक bike को चला रही है। हिरल बता रही है कि, अभी तो मेरी शादी का 1 ही साल पूरा हुआ है, और में अपने पति को पीछे बिठाके bike पे घूमने के लिए निकल जाती हु। अब तो मेरे पति को भी मेरी driving पे पूरा भरोसा हो चूका है। कभी कभी तो हमें कही जाना होता है तो वो खुद bike चलने के बदले मुझे bike चलाने के लिए बोलते हे और वो खुद मेरी पीछे बैठ जाते है। जब भी कोई इमरजेंसी समय अगर महिलाये bike चलाना जानती हो तो काफी मदद आता है। जब भी मुझे कही बहार जाना होता हे तो किसी के भी उपर आधार नहीं रखती ही बस bike को kick मारके निकल जाती हूं।
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